'कर्ज़माफी योजना को राजा शिवाजी का नाम देना उचित नहीं'

शिवसेना के मेले में भाषण के दौरान ठाकरे ने कहा कि, हरामखोरों को हम ही ने पाल- पोस कर बडा किया. जो भी कोई मेरे स्वराज पर धावा बोलना चाहेगा, उस का खात्मा तय है. कर्ज़माफी की योजना का लाभ कोंकण के कितने लोगों को मिल पाया, नहीं जानता. सभी किसान इस से लाभान्वित हों, यह हमारा सपना है.
Uddhav Thackeray
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रत्नागिरी : " इश्तहारों पर बेकार खर्च किया जा रहा है और निधि की कमी के कारण ज़िला परिषद कोमा में जा रही है. इस के लिये जि़म्मेदार कौन है ? निधि क्यूँ  नहीं दिया जा रहा? चुनाव में मुंह की खानी पडी, इसीलिये   भाजपा कोंकण से बदला ले रही है, " ये  आरोप करते हुए, " अगर यहाँ की जनता को तबाह करने की कोशिश भी किसी ने की , तो मैं सरकार को पटखनी दिये बिना नहीं रहूंगा," यह चेतावनी उद्धव ठाकरे ने बुधवार को दी. 

शिवसेना के मेले में भाषण के दौरान ठाकरे ने कहा कि, हरामखोरों को हम ही ने पाल-  पोस कर बडा किया. जो भी कोई मेरे स्वराज पर धावा बोलना चाहेगा, उस का खात्मा तय है. कर्ज़माफी की योजना का लाभ कोंकण के कितने लोगों को  मिल पाया,  नहीं जानता. सभी किसान इस से लाभान्वित हों, यह हमारा सपना है. लेकिन अगर वह पूरा नहीं हो पाता हे तो राजा शिवाजी का नाम कर्ज़माफी योजना को देना उचित नहीं होगा. आम के मौसम के वक्त कीटनाशकों पर पाबंदी लगायी गयी. यहाँ के आम का स्वाद सारी दुनिया चखती है. बागबानों की मेहनत का यह फल है. इस फल को अगर कीडा लगने लगे तो बागबाँ आखिर क्या करे  ? क्या वह पोस्टर लगाता फिरे कि, हाँ, मैं लाभार्थी हूँ ?

" व्हॉटस् अॅप पर इन दिनों यह संदेश घूम रहा है कि, अच्छे दिन तो आये हैं , लेकिन दिल्ली में प्रदूषण होने के कारण दिखायी नहीं दे रहे .  हाँ, यह बात सच है. विकास का मार्ग धुंध में ओझल हो गया है, " इन शब्दों में ठाकरे ने प्रधानमंत्री का मज़ाक उडाया. " गुजरात में चुनावों  के नजदीक आने की वजह से जीएसटी कम करने का निर्णय लिया गया. अगर वे दोबारा चुनाव जीत जाते हैं तो उन की हालत सुशीलकुमार शिंदे जैसी होनी है. शिंदे ने सन १९९९ में कुछ ऐसा ही किया था. शिवसेना ने तब किसानों को बिजली के बिल से मुक्ती देने का नारा दिया था. शिंदे ने उस पर अमल करते हुए किसानों के बिजली के बिल माफ भी कर दिये. लेकिन पुनः सत्ता में  लौटने के बाद बिजली के बिल ज़्यादा आने लगे. यही स्थिति गुजरात में भी चुनावों के बाद पैदा हो सकती है.  गुजरात में प्रधानमंत्री ने पचास सभाओं को संबोधित किया. इस वजह से वहाँ उन्हें सत्ता मिल भी सकती है. लेकिन जनता समझदार है. लोग ठीक से सोच विचार कर ही वोट देंगे. शिवसेना सत्ता में रहते हुए भी जनता के साथ ही रहेगी," यह भरोसा ठाकरे ने दिलाया.

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